एक समय की बात है, एक छोटे से गाँव में राहुल नाम का एक लड़का रहता था। राहुल को जंगल में घूमना और नए-नए जगहों की खोज करना बहुत पसंद था। एक दिन, जब राहुल जंगल में गहराई तक चला गया, तो उसने एक चमकता हुआ पत्थर देखा। पत्थर को उठाते ही राहुल ने देखा कि उसके चारों ओर का जंगल बदल गया है।
राहुल अब एक जादुई जंगल में था, जहाँ पेड़ बात कर सकते थे और जानवर इंसानों की तरह चल सकते थे। वहाँ के पेड़ ने राहुल से कहा, “तुम्हारे पास जो पत्थर है, वह जादुई है। अगर तुम इस पत्थर का सही उपयोग करोगे, तो तुम्हें यहाँ के सभी रहस्यों का पता चल सकता है।”
राहुल ने पत्थर से पूछा, “मुझे क्या करना होगा?” पत्थर ने जवाब दिया, “तुम्हें इस जंगल की तीन परीक्षाएँ पार करनी होंगी।”
पहली परीक्षा थी साहस की। राहुल को एक गहरी गुफा में जाना था जहाँ एक बड़ा शेर रहता था। लेकिन शेर ने राहुल को डराया नहीं, बल्कि उसने कहा, “मैं तुम्हारी परीक्षा लेने आया हूँ। अगर तुम मुझसे बिना डरे मेरी आँखों में देख सकते हो, तो तुम पास हो जाओगे।” राहुल ने शेर की आँखों में देखा और बिना डरे उसकी परीक्षा पास कर ली।
दूसरी परीक्षा थी बुद्धिमानी की। राहुल को एक पहेली सुलझानी थी। एक बूढ़े उल्लू ने उससे पूछा, “एक ऐसा जीव बताओ जो सुबह चार पैर पर चलता है, दोपहर में दो पर, और शाम को तीन पर।” राहुल ने सोचा और जवाब दिया, “वह मनुष्य है। बचपन में वह चार पैरों पर चलता है, जवानी में दो पर, और बुढ़ापे में छड़ी के सहारे तीन पर।” उल्लू ने कहा, “तुमने सही जवाब दिया।”
तीसरी परीक्षा थी दयालुता की। राहुल को एक नदी पार करनी थी, लेकिन नदी में एक घायल हिरण पड़ा था। राहुल ने अपनी जादुई पत्थर की शक्ति का उपयोग कर हिरण को ठीक किया और उसे सुरक्षित स्थान पर ले गया।
तीनों परीक्षाओं को सफलतापूर्वक पार करने के बाद, जंगल के राजा ने राहुल को आशीर्वाद दिया और कहा, “तुमने साबित कर दिया कि तुम साहसी, बुद्धिमान और दयालु हो। यह जादुई पत्थर अब तुम्हारा है, और जब भी तुम्हें इसकी आवश्यकता हो, यह तुम्हारी मदद करेगा।”
राहुल ने जंगल के सभी दोस्तों से विदा ली और गाँव लौट आया। वह पत्थर उसके साथ था, और उसके जीवन में कभी भी कोई परेशानी आई, तो उसने उस जादुई पत्थर की मदद ली। इस तरह, राहुल ने जादुई जंगल की सैर की और एक साहसिक और सीखने से भरी यात्रा का अनुभव किया।
और वे खुशी-खुशी जीवन बिताने लगे।
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